Sunday, August 15, 2010

गाजियाबाद और आजादी

हिंडन किनारे लड़ी गई थी आजादी की पहली जंग नवभारत टाइम्स
हिंडन नदी के पुल से गाजियाबाद की ओर जाने वाली सड़क पर एक कब्रिस्तान है, जहां एक दर्जन अंग्रेज सिपाहियों के शवों को दफनाया गया है। इतिहासकारों के मुताबिक मेरठ में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह के खिलाफ सेना को अंग्रेजों ने दिल्ली से भेजा था। जैसे ही अंग्रेजी सेना हिंडन नदी के तट पर पहुंची अचानक क्रांतिकारियों ने उन्हें रोक लिया। उमराव सिंह, माखन सिंह, जय सिंह, दौलत सिंह, सुमेर सिंह, चंदन सिंह, दलेल सिंह से नेतृत्व में देशभक्त दो दिनों तक लड़ते रहे
हौसले और एकजुटता की मिसाल बन गए थे 5 गांव नवभारत टाइम्स
गाजियाबाद के मुरादनगर ब्लॉक में पांच ऐसे गांव हैं, जहां के क्रांतिकारियों ने अंग्रेज सिपाहियों की नाक में दम कर दिया था। अंग्रेजों ने इन गांवों के लोगों पर बेइंतिहा जुल्म किए, मगर न तो ये टूटे और न ही झुके।गाजियाबाद 1976 से पहले तक मेरठ जिले का हिस्सा था। 1857 से यहां जो आजादी की बयार चली, 1947 तक चलती रही। मुरादनगर ब्लॉक में हिंडन किनारे बसे पांच गांव ग्यासपुर, कुम्हेड़ा, सुहाना, खिंदौड़ा और भनेड़ा के लोग भी स्वतंत्रता ...

1 comment:

  1. बहुत बहुत शुक्रिया इस अनमोल जानकारी देने के लिए.

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