Thursday, November 18, 2010

साधना एवं सिद्धि: SamayLive - 18 Nov 2010

साधना एवं सिद्धि  महर्षि अरविन्द ने अपनी पूर्ण योग रूपी सर्वांगपूर्ण पद्धति में बताया है कि जगत् और जीवन से बाहर निकलकर स्वर्ग या निर्वाण योग का लक्ष्य नहीं है, जीवन एवं जगत् को परिवर्तित करना ही पूर्ण योग है। पं. श्रीराम शर्मा आचार्य
साधक निम्न प्रकृति की सभी क्रियाओं, विभिन्न द्वन्द्वों, अविद्या के आक्रमण और अपने अज्ञान को इस दृष्टि से देखता है और उसे दूर करने हेतु प्रयत्न करता है। इस शुद्धि के फलस्वरूप मन की शांति, चित्त की स्थिरता, प्राण की एकाग्रता, ह्मदय की तन्मयता और विकारों से निष्कृति प्राप्त होती है, जो पूर्ण योग की आधार भूमि है। ऐसे शुद्ध, शांत, चंचल और नीरव आधार पर ही तो भागवत आनन्द, प्रेम, ज्ञान का अवरोहण संभव है। सर्वांगपूर्ण योग पद्धति के चार प्रमुख अंग हैं- शुद्धि, मुक्ति, सिद्धि और भुक्ति। साधना की प्रथम अनिवार्य आवश्यकता है-शुद्धि। इसका क्षेत्र अति विशाल है। यह अंत: और बाह्य दोनों के परिशोधन का प्रयास है। इससे जीवन को एक काल तक परिवर्तित भी कर लेते हैं। पूर्ण योग में शरीर ही नहीं मन, प्राण, अंत:करण अर्थात् सत्ता के समस्त अंगों का परिष्कार होता है। शुद्धि की शुरुआत होती है।

इसका दूसरा अंग है- मुक्ति। इसका तात्पर्य कहीं अन्य लोक-लोकान्तर में न पलायन है, न ही समस्त स्थूल क्रिया-कलापों अथवा प्रकृतिगत चेष्टाओं का परित्याग कर निर्वाण प्राप्त करना। यह आत्मा का, विभिन्न वासनाओं, शरीर बंधन एवं आकर्षणों से पहले हो जाना है। इसके दो पद हैं-त्याग और ग्रहण। इसमें एक है निषेधात्मक और दूसरा विधेयात्मक। प्रथम का अर्थ है, सत्ता की निम्न प्रकृति के बंधनों, आकर्षणों से छुटकारा। द्वितीय भावनात्मक पक्ष का तात्पर्य है- उच्च स्तर आध्यात्मिक सत्ता में समाहित होना। संसार भगवान् का लीला क्षेत्र है। इसका पलायन करके कोई भी यथार्थ में इस योग का योगी नहीं बन सकता है।
वासना और अहंता ही हैं अज्ञान की पिटारियां। इनसे ही छुटकारा पाना है। दूसरे शब्दों में, भगवान् के समान बनना ही मुक्ति का सम्पूर्ण एवं समग्र आशय है। शुद्धि एवं मुक्ति दोनों  'सिद्धि"  की पहले की अवस्थाएं हैं। पूर्णयोग में सिद्धि का अर्थ है भागवत् सत्ता की प्रकृति के साथ एकत्व की प्राप्ति। मायावादी सत्ता के सर्वोच्च सत्य निर्विकार निर्गुण एवं आत्म सचेतन ब्राहृ है। अतएवं आत्मा की शुद्ध, निर्विकार शान्ति एवं चेतनता में विकसित एकाकार होना ही उसकी सिद्धि है। सर्वांगपूर्ण योग में सिद्धि का तात्पर्य है-एक ऐसी दिव्य आत्मा और दिव्य कर्म को प्राप्त करना, जो विश्व में दिव्य संबंध एवं दिव्य कर्म का खुला क्षेत्र प्रदान करे। इसका समग्र अर्थ है- सम्पूर्ण प्रकृति को दिव्य बनाना तथा उसके अस्तित्व और कर्म की समस्त असत्य गुत्थियों का परित्याग।
भुक्ति का तात्पर्य श्री अरविन्द की दृष्टि में है- अनासक्त भाव से उपभोग। जीवन में दिव्य पूर्णता का अवतरण करना, सम्पूर्ण जीवन को आध्यात्मिक शक्ति का क्षेत्र मानकर दिव्य भोग करना ही भुक्ति का आंतरिक सार है। तभी सिद्धि संभव हो सकेगी, देव-मानव अतिमानव बन सकेगा। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज, हरिद्वार

Monday, November 15, 2010

Talk by Dr. D.N. Dani at Sri Aurobindo Bhavan, Noida on 20th November

From sriaurobindosociety noidabranch sriaurobindosocietynoida@gmail.com to "Tusar N. Mohapatra" tusarnmohapatra@gmail.com date 15 November 2010 14:24 subject A talk on 'INTEGRAL EDUCATION' by Dr. D.N. Dani, Chairman, Sri Aurobindo Society, Udaipur Centre.
Sir,
Sri Aurobindo Society, Noilda Branch is organizing a talk on 'Integral Education' by Dr. D.N. Dani, Chairman of Sri Aurobindo Society, Udaipur Centre on Saturday, 20th November, 2010.  Your kind presence in that alongwith family and friend is requested. REGARDS. In the service of The Mother, Suresh Chand Gupta
Executive Secretary
Sri Aurobindo Society, Noida Branch
Sri Aurobindo Bhavan,
C-56/36, Sector-62, Noida-201301 (U.P.)
Tel:-0120-3263313, (M) 09818636362

SAS/NB/Prog/RD/10  15th November, 2010 INVITATION Sub: Talk on ‘Integral Education’
Sri Aurobindo Soceity, Noida Branch is organizing a Talk on ‘INTEGRAL EDUCATION’ by Dr. D.N. Dani, Chairman, Sri Aurobindo Society, Udaipur Centre and former Vice-Principal, Vidyabhavan Shikshak Mahavidyalaya, Udaipur as per details given below:-
Day & Date:   Saturday, 20th November, 2010
Time:              5.30PM to 7.00PM
Place:              Sri Aurobindo Bhavan,                                                                         C-56/36, Sector 62,                                                                         Noida.                                     
All are requested to participate in the above programme  with family members and friends.

                                    ‘Sincerity is the key of the divine doors’
-         The Mother 

Suresh Chand Gupta
Executive Secretary
Phone: 0120-3263313    
PLANNED ACTIVITIES FOR NOVEMBER, 2010

Days
Programme

Time

MON. to SAT

Free Yogasan & Pranayam  by  Acharya V. N.  Pandey

7AM to 8AM            

MON to SAT

‘Our Prayer’ & Meditation

9AM to 9.30AM

MON, WED, FRI

Yogasan & Pranayam by Ms Smiriti Batra
(For Ladies)

9.30AM to 10.30AM

Every Sunday             

Collective Meditation; Spiritual Reading and  Bhajans


10AM to 11AM         

Every Saturday/
Sunday                      

Discussions on ‘GITA’ Led by Sh. Viswa Mohan Tiwari,
Air Vice Marshal (Retd.)


11AM to 01PM          

Every Sunday

Free Consultation and Eye Check-up by Dr. P.S. Chauhan.


11AM to 01PM

MON to FRI

Free Acupressure Treatment by Sh. G. P.  Shukla 


3.30 PM to
5.30 PM

17th Nov. ‘10
Wednesday

Mother’s Mahasamadhi Day -
Meditation

6PM to 6.30PM

20th Nov. ‘10
Saturday

Talk on ‘Integral Education’ by Dr. D.N. Dani, Chairman, Sri Aurobindo Society, Udaipur Centre and former Vice-Principal, Vidya Bhawan Shikshak Mahavidyalaya, Udaipur

5.30PM to 7PM

24th Nov. ‘10
Wednesday

Darshan Day – Siddhi Day
CD on  ‘Sri Aurobindo – A Life Divine’ &
Meditation

6PM to 7PM

27th Nov. ‘10
Saturday

Bhajan / Sangeet / CD-Bhagwat Muharat

6PM to 7PM

Note:
 i)   Meditation Hall opens everyday from 7AM to 7PM
ii)   Spiritual Library is open every day from 9AM to 6PM
iii)   SABDA publications and products from Auroshikha & Cottage Industry,                  Pondicherry are available at the Branch  everyday from 10AM to 6PM.

S.C. Gupta
Executive Secretary

Friday, November 12, 2010

इंदिरापुरम से एयरपोर्ट

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो : गाजियाबाद के इंदिरापुरम के लोग अब चौबीस घंटे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट जा सकेंगे। दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) ने बृहस्पतिवार को विशेष 'एयरपोर्ट एक्सप्रेस बस सेवा' प्रारंभ की है, ...

इंदिरापुरम के जयपुरिया मॉल से बस का संचालन होगा। यहां से शुरू होकर इंदिरापुरम, नोएडा सेक्टर-62, 23/54, 12/22, 21, 10, 19, 27, डीएनडी फ्लाईओवर, आश्रम, लाजपत नगर, एम्स, अरबिंदो मार्ग, हौज खास (ग्रीन पार्क मेट्रो स्टेशन), आईआईटी गेट, जेएनयू, बसंत विहार, वसंत विलेज, एनएच-8, महिपालपुर, रेडिशन होटल होते हुए आईजीआई एयरपोर्ट टी-3 पर सेवा समाप्त होगी। यहीं से बसों की रवानगी भी होगी। जयपुरिया मॉल से सुबह 6.55 बजे से 9.55 बजे तक एक-एक घंटे की फ्रिक्वेंसी होगी, इसके बाद 30 मिनट की बस सेवा होगी। रात 12 बजे से सुबह 6.25 बजे तक एक घंटे की फ्रिक्वेंसी रहेगी।